पार्टीकल्चर ने बढ़ाया डीजेइंग का स्कोप  
पार्टीकल्चर ने बढ़ाया डीजेइंग का स्कोप

 


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नाइटलाइफ और बढ़ते पार्टी कल्चर ने डीजेइंग को एक शानदार करियर विकल्प बना दिया है। कई युवाओं में परंपरगत करियर के परे ऑफबीट क्षेत्रों में करियर बनाने का जुनून चढ़ा है। कुछ हटकर करने की इच्छा रखने वाले युवा, जिन्हें संगीत से भी काफी जुड़ाव है, डीजेइंग के क्षेत्र में रूचि ले रहे हैं। देर रात तक चलने वाली पार्टी, फास्ट म्यूजिक पर थिरकते कदम,शानदार लाइटिंग इफेक्ट्स और पल-पल बदलता ट्रैक इस फील्ड की जान है। शहर में बढते पार्टी कल्चर और डीजे शोज ने भी इसे पॉपुलर करियर चॉइस बनाया है। डीजेइंग एक तरह की कला है, जिसमें आपसंगीत का स्वरूप या उसके सुर बदल देते हैं। इसमें रीमिक्सिंग, म्यूजिक कम्पोजिशन, अरेंजमेंट और प्रोडक्शनशामिल है। नाइटलाइफ के बढ़ते चलन के साथ युवाओं के बीच एक डीजे रात के सितारे के रूप में भी उभर सकता है। यं कर सकते हैं शुरुआत डीजे के बेसिकया बिगिनर कोर्स के लिए आप 10वीं कक्षा के बाद ही आवेदन कर सकते हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्कूलिंग खत्म करने के बाद ही इस पेशे में उतरने के बारे में सोचना चाहिए। किसी भी संस्थान से प्रोफेशनल लेवल कोर्स करने के बाद आप अपनी मिक्सिंग की हुई डेमो सीडीज के साथ नाइट क्लब्स या ईवेंट आयोजकों से मिल सकते हैं।डीजेइंग के कई कोर्सेस लॉन्च किए जाते हैं जिसमें क्रेश कोर्स, प्रोफेशनल कोर्स, एडवासं कोर्स, म्यूजिक प्रोडक्शन आदिशामिल है। हालांकि इसे सीखने के लिए कोई क्वालिफिकेशन जरूरी नहीं है, बसम्यूजिक की समझ और ऑडिएंस का मूड समझने के लिए प्रेजेंस ऑफ माइंड चाहिए। ये है आकर्षण डीजेइंग एक ग्लैमरस फील्ड है।युवाओं के बीच सबसे बड़ा आकर्षण यह है कि आप पार्टी का मजा लेते हुए पैसा भी कमा सकते हैं। इस फील्ड में घूमने-फरिने को काफी मिलता है। संगीत के साथ रोज नए प्रयोग करने होते हैं ताकि इस फील्ड में आपजमे रहें और आगे बढ़ते रहे। संगीत की बारीकियां वेडिंग पार्टी, बर्थ डे पार्टी, अवॉर्ड फंक्शंस आदि सभी की अपनी अलग-अलग थीम होती है और ऐसे में एक डीजे के लिए काफी महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि वह उस थीम और इवेंट से मेल खाता हुआ म्यूजिक प्ले करे।एक डीजे को इस बात का अंदाजा होना चाहिए कि पब्लिक की क्या पसंद है, साथ ही किस तरह से लोगों का भरपूर मनोरंजन किया जा सकता है। डीजे को विभिन्न म्यूजिक स्टाइल, लेटेस्ट एलबम, करेंट, हिट्स और म्यूजिक ट्रेंड्स का मास्टर होना पड़ता है। इस बात का पूरा ज्ञान होना चाहिए कि कब और कहां किस तरह का म्यूजिक प्ले करना है।डीजे के लिए तकनीकी विशेषज्ञता भी बहुत जरूरी है क्योंकि इसमें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होता है।